#निपुणभारत 💐कक्षा 8💐हिंदी💐व्याकरण💐पाठ4

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1.क्रिया
किसी वाक्य में प्रयुक्त वह शब्द जिसके द्वारा किसी काम का करना या होना पाया जाता है उसे क्रिया कहते हैं। क्रिया एक विकारी शब्द है, जिसका अर्थ काम होता है। क्रिया की उत्पत्ति धातु शब्दों से होती है। मूल धातु शब्द में ‘ना’ प्रत्यय लगाने से क्रिया बनती है।

क्रिया के उदाहरण | Kriya Ke Udahran

  • विक्रम पढ़ रहा है।
  • शास्त्री जी भारत के प्रधानमंत्री थे।
  • महेश क्रिकेट खेल रहा है।
  • सुरेश खेल रहा है।
  • राजा राम पुस्तक पढ़ रहा है।
  • बच्चे क्रिकेट खेल रहे हैं।
  • लड़कियाँ गाना गा रही हैं।
  • गीता चाय बना रही है।
  • महेश पत्र लिखता है।
  • उसी ने बोला था।
  • राम ही सदा लिखता है।
  • अध्यापक छात्रों को पाठ पढ़ा रहा था।
  • राम ने कृष्ण को पत्र लिखा।
  • आज सभी पतंग उड़ा रहे हैं।
  • धनश्याम दूध पी रहा है।

प्रथम वाक्य में विक्रम द्वारा पढ़ाई काम का करना पाया जा रहा है। अतः इस वाक्य में ‘पढ़ रहा है’ क्रिया पद है।

द्वितीय वाक्य में स्पष्ट रूप से किसी काम का करना दिखाई नहीं दे रहा है, लेकिन काम का होना पाया जा रहा है। अतः इस वाक्य में ‘थे’ क्रिया पद होगा।

तृतीय वाक्य में महेश द्वारा क्रिकेट खेला जा रहा है। अतः क्रिकेट खेलने का काम का करना पाया जा रहा है। इस वाक्य में ‘खेल रहा है’ क्रिया पद होगा।

प्रेरणार्थक क्रिया

जिस क्रिया से ज्ञान हो कि कर्ता स्वयं कार्य को न करके किसी अन्य को कार्य करने की प्रेरणा देता है वह प्रेरणार्थक क्रिया कहलाती है।

प्रेरणार्थक क्रिया के दो कर्ता होते हैं :

  1. प्रेरक कर्ता : प्रेरणा प्रदान करने वाला
  2. प्रेरित कर्ता : प्रेरणा लेने वाला कर्ता

प्रेरणार्थक क्रिया के उदाहरण

  • सुरेंदर राधा से खाना पकवाता है। 

जैसा कि आपने ऊपर दिए गए उदाहरण में देखा कि इसमें दो कर्ता  है। पहला करता है सुरेंदर एवं दूसरी राधा।

असलियत में काम तो राधा कर रही है लेकिन राधा को काम करने की प्रेरणा सुरेंद्र रहा है।  अतः यह उदाहरण प्रेरणार्थक क्रिया के अंतर्गत आएगा।

  • रामू धीरज से गाडी चलवाता है। 

ऊपर दिए गए उदहारण में जैसा कि आप देख सकते हैं कि वाक्य में एक नहीं दो-दो करता हैं। पहला करता है रामू एवं दूसरा करता है धीरज।

इस उदाहरण में असल में गाडी तो धीरज चलाता है लेकिन गाडी चलाने कि प्रेरणा धीरज को रामू देता है। जैसा कि हमें दो कर्ता होने पर एवं एक कर्ता का दुसरे कर्ता को प्रेरणा देने पर यह प्रेरणार्थक क्रिया के अंतर्गत आएगा।

💐अभ्यास💐

निम्न क्रिया शब्दों से प्रेरणार्थक क्रिया बनाइये:---

खेलना

रखना,

घूमना,

काटना, 

बनाना,

लिखना,

देखना,

पीना ।

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2. अनुप्रास अलंकार :-

अलंकार अनु + प्रास दो शब्दों से मिलकर बना है। इन दोनों शब्दों का अर्थ अलग -अलग है ,अनु का अर्थ है बार बार और प्रास का अर्थ वर्ण है। यानी की जब किसी भी वर्ण की अक्सर आवृति से दर्शन उत्पन्न होते है तो उसे अनुप्रास अलंकार कहा जाता है। वाक्य की सुंदरता को बढ़ाने के लिए अनुप्रास अलंकार कहा जाता है।

  • उदाहरण : मधुर मधुर मुस्कान मनोहर, मनुज वेश का उजियाला। इसमें म वर्ण का बार बार प्रयोग होने की वजह से यह अनुप्रास अलंकार है।
  • सुरभित सुंदर सुखद सुमन तुम पर खिलते  हैं। (इसमें स वर्ण की आवृत्ति देखी जा सकती है)
  • 💐अभ्यास💐
  • आप अपनी पुस्तक से खोजकर अनुप्रास अलंकार के 2 उदाहरण लिखिये ?


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