#निपुणभारत 💐कक्षा 8💐हिंदी💐व्याकरण💐पाठ3
#निपुणभारत 💐कक्षा 8💐हिंदी💐व्याकरण💐पाठ3
1.मुहावरा:-
- आटे में नमक ( बहुत कम ) - पहलवान को उसके शरीर के अनुसार खुराक चाहिए। आधा लीटर दूध तो उसके लिए आटे में नमक के बराबर है।
- अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना ( अपनी प्रशंसा स्वयं करना ) - अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनने वाले का सम्मान धीरे-धीरे कम हो जाता है।
- अक्ल के घोड़े दौड़ना ( हवाई कल्पनाएँ करना ) - परीक्षा में सफलता परिश्रम करने से ही मिलती है, केवल अक्ल के घोड़े दौड़ाने से नहीं।
- आस्तीन का साँप ( कपटी मित्र ) - प्रदीप से अपनी व्यक्तिगत बात मत कहना। वह आस्तीन का साँप है। सभी बातें गुरू जी को बता देता है।
- आँखें चुराना ( अपने को छिपाना ) - गलत काम करके आँखें चुराने से कुछ नहीं होगा।
- आँख की किरकिरी ( बुरा लगना/दुश्मन ) - दुशासन अपनी बुरी प्रवृत्ति के कारण सबकी आँखों की किरकिरी बन गया।
- आँख उठाकर न देखना ( ध्यान न देना ) - श्याम पढ़ने में इतना मग्न था कि उसने आँख उठाकर भी न देखा कि उसके आस-पास क्या हो रहा है।
- आँखों के आगे अँधेरा छाना ( मूर्च्छित होना ) - राह चलते-चलते अचानक मैं पेड़ से टकरा गई और मेरी आँखों के आगे अँधेरा छा गया।
- अक्ल का अंधा ( मूर्ख ) - केशव अक्ल का अंधा है, तभी तो सच और झूठ में फ़र्क नहीं कर पाता
💐अभ्यास💐
निम्न मुहावरों का अर्थ लिखते हुए इनका वाक्य में प्रयोग करो
डर से अधमरा होना
छाती ठोंककर आगे बढ़ना
रास्ता साफ होना
रंग चढ़ना
दिल को बांध देना
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2. समानार्थी शब्द
समानार्थी का अर्थ होता हैं (सामान + अर्थ) अर्थात किसी शब्द का सामान अर्थ वाले दूसरे शब्द या उसी के सामान कोई दूसरा नाम (वस्तु)। “वे शब्द जिनका अर्थ एक समान होता हैं समानार्थी शब्द कहलाते हैं समानार्थी शब्द को हम पर्यायवाची शब्द भी कहते है।”
अतिथि | मेहमान ,पाहुन ,आगंतुक, अभ्यागत। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अश्व | घोड़ा,आशुविमानक, तुरंग, घोटक, हय, तुरंगम, वाजि, सैंधव, रविपुत्र। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अधर्म | पाप ,अनाचार, अनीत, अन्याय, अपकर्म, जुल्म। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अचल | अडिग ,अटल ,स्थिर ,दृढ, अविचल। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अनुपम | अनोखा, अनूठा, अपूर्व, अद्भुत, अद्वितीय, अतुल। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अमृत | मधु, सुधा, पीयूष ,अमी, सोम ,सुरभोग। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अंबा | माता, जननी, मां, जन्मदात्री, प्रसूता। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अलंकार | आभूषण, भूषण, विभूषण, गहना, जेवर। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अहंकार | दंभ, गर्व, अभिमान, दर्प, मद, घमंड, मान। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अरण्य | जंगल, वन, कानन, अटवी, कान्तार, विपिन। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
💐अभ्यास💐 समानार्थी लिखो आजाद गुलाम बादशाह कैदी फौज दरिया कुदरत 💐💐💐💐💐💐💐💐💐 प्रत्यय प्रत्यय वे शब्द हैं जो दूसरे शब्दों के अन्त में जुड़कर, अपनी प्रकृति के अनुसार, शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं। प्रत्यय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – प्रति + अय। प्रति का अर्थ होता है 'साथ में, पर बाद में" और अय का अर्थ होता है "चलने वाला", अत: प्रत्यय का अर्थ होता है साथ में पर बाद में चलने वाला। (क)
(ख)
(ग़)
💐अभ्यास💐 नीचे लिखे शब्दों में त्व प्रत्यय जोड़कर नए शब्द बनाइए महत प्रभु तत वीर 💐💐💐💐💐💐💐💐 विलोम शब्द
💐अभ्यास💐 अ, अन की सहायता से नीचे लिखे शब्दों का विलोम शब्द बनाएं उपस्थित स्थायी साधारण समान उदार 💐💐💐💐💐💐💐💐 व्यंजनगुच्छ किसी शब्द में जब दो या दोसे अधिक व्यंजनों को एक श्वास में उच्चारित किया जा सके, तो उसे व्यंजन गुच्छ कहा जाता है। जैसे- क्यारी, म्यान, श्याम आदि। 💐अभ्यास💐 इस पाठ से व्यंजनगुच्छ शब्द छांटकर लिखो? |
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